बरने गंधे छंदे गीतीते हरिदोए दीएछो दोलार रोंगेते रांगिया रांगायिले मोरे, ए की ताबो होरि खेला ...
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  1. बरने गंधे छंदे गीतीते
  2. बरसों के इंतज़ार का अंजाम लिख दिया
  3. आया तेरे दर पर दीवाना
  4. होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा
  5. ओ माँ
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बरने गंधे छंदे गीतीते

बरने गंधे छंदे गीतीते हरिदोए दीएछो दोलार रोंगेते रांगिया रांगायिले मोरे, ए की ताबो होरि खेला...

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बरसों के इंतज़ार का अंजाम लिख दिया

नुसरत फ़तेह अली की एक बेहतरीन क़व्वाली (ग़ज़ल)

बरसों के इंतज़ार का अंजाम लिख दिया काग़ज़ पे...

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आया तेरे दर पर दीवाना

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ जो बंदिशे थी ज़माने को तोड़ आया हूँ मैं तेरे लिए दुनिया को छोड़ आया हूँ ...

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होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा

हकीक़त फ़िल्म की ये नज़्म, दिल को छूकर जाती है: होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा ज़हर चुपके-से...

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ओ माँ

तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली हैप्यारी प्यारी है, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँके ये जो दुनिया है, ये बन...

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